संसद में अयोग्यता के कारण

संसद में अयोग्यता के कारण 



         चंद दिनों पहले की घटना आप सब ने सुनी , देखा की देश की सबसे पुरानी राजनितिक पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यछ राहुल गाँधी को संसद से अयोग्य करार देते हुए उनकी सदस्यता रद्द कर दी गयी।अगर मामला देखे तो वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम का गलत तरीके से इस्तेमाल के मामले में दोषी पाए गए सूरत कोर्ट के द्वारा।  कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई तो इधर उनकी संसद की सदस्यता भी रद्द कर दी गयी।

क्या आप ने कभी सोचा है की सांसदों की सदस्यता की कंडीशन पर रद्द की जाती है ? आज हम आप को बताते हैं।  

भारत में संसद सदस्य (सांसद) को अयोग्य घोषित करने के कई कारण हैं। कुछ कारणों में शामिल हैं:

1. दोहरी सदस्यता (Dual Membership): एक सांसद एक ही समय में संसद के दोनों सदनों, यानी लोकसभा और राज्यसभा का सदस्य नहीं हो सकता है।An MP cannot be a member of both houses of Parliament, i.e., Lok Sabha and Rajya Sabha, at the same time.


2. लाभ का पद (Office of profit) : एक सांसद भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के तहत लाभ का पद धारण नहीं कर सकता है।An MP cannot hold any office of profit under the government of India or any state government.


3. दल-बदल विरोधी कानून (Anti defection Law): एक सांसद को अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि वह स्वेच्छा से अपने राजनीतिक दल की सदस्यता छोड़ देता है, या यदि वह पार्टी के निर्देशों के खिलाफ मतदान करता है, या यदि वह किसी मुद्दे पर मतदान से दूर रहता है। , पार्टी के निर्देश के विपरीत, ऐसी स्थिति में जहां पार्टी व्हिप लागू हो।An MP can be disqualified if he or she voluntarily gives up the membership of his or her political party, or if he or she votes against the directions of the party, or if he or she abstains from voting on any issue, contrary to the party's direction, in a situation where the party whip is applicable.


4. आपराधिक दोष सिद्ध होने पर (Criminal Conviction): एक सांसद को अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि उसे एक आपराधिक  अपराध   का  दोषी ठहराया जाता है और दो या अधिक वर्षों के लिए कारावास की सजा सुनाई जाती है।An MP can be disqualified if he or she is convicted of a criminal offence and sentenced to imprisonment for two or more years.


5. दिवालिया होने पर (Insolvency) : एक सांसद को अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि उसे दिवालिया या दिवालिया घोषित किया जाता है।An MP can be disqualified if he or she is declared insolvent or bankrupt.


6. मानसिक विकार (Unsoundness of mind): एक सांसद को अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि उसे एक सक्षम अदालत द्वारा  मानसिक रूप से अस्वस्थ घोषित किया जाता है।An MP can be disqualified if he or she is declared to be of unsound mind by a competent court.


7. चुनाव कानूनों का उल्लंघन (Violation of election Laws): एक सांसद को अयोग्य घोषित किया जा सकता है यदि वह किसी भ्रष्ट आचरण या अवैध चुनाव गतिविधि का दोषी पाया जाता है।An MP can be disqualified if he or she is found guilty of any corrupt practice or illegal election activity.


यह ध्यान देने योग्य है कि अयोग्यता की प्रक्रिया भारत के किसी सदस्य या नागरिक से प्राप्त याचिका के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष या राज्य सभा के सभापति द्वारा शुरू की जाती है। सांसद को सुनवाई का अवसर देने के बाद अयोग्यता का निर्णय अध्यक्ष या सभापति द्वारा लिया जाता है। फैसले को अदालतों में भी चुनौती दी जा सकती है

It's worth noting that the disqualification process is initiated by the Speaker of the Lok Sabha or the Chairman of the Rajya Sabha, based on a petition received from any member or citizen of India. The decision of disqualification is then taken by the Speaker or Chairman, after giving the MP an opportunity to be heard. The decision can also be challenged in the courts.

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