Republic day गणतंत्र दिवस का इतिहास

Republic Day गणतंत्र  दिवस का इतिहास 





        गणतंत्र दिवस भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में हर साल 26 जनवरी को मनाया जाने वाला एक राष्ट्रीय अवकाश है। इस दिन यानि 26 जनवरी 1950 में, भारत का संविधान लागू हुआ, भारत को गणतंत्र बनाया गया और भारत सरकार अधिनियम 1935 की जगह ली गई।

गणतंत्र दिवस समारोह राष्ट्रीय राजधानी, नई दिल्ली में कर्त्तव्य पथ (पहले राजपथ ) पर आयोजित किया जाता है। इस समारोह में एक भव्य परेड आयोजित की जाती है जिसमें आम जनता के साथ-साथ दुनिया भर के गणमान्य लोग शामिल होते हैं। परेड राष्ट्रपति भवन से शुरू होती है और इंडिया गेट की ओर बढ़ती है। यह भारत की सांस्कृतिक और सैन्य विरासत का प्रदर्शन है।



परेड में भारत के विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाली विभिन्न प्रकार की झांकियां होती हैं, जो उनकी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को प्रदर्शित करती हैं। परेड में विभिन्न टैंकों, मिसाइलों और अन्य सैन्य उपकरणों की परेड के साथ भारत की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन भी शामिल है। यह समारोह देश की एकता और विविधता की एक झलक प्रदर्शित करता है।

नई दिल्ली में परेड के अलावा, इसी तरह के समारोह राज्यों की राजधानियों और देश भर के अन्य प्रमुख शहरों में होते हैं। इस दिन को देशभक्ति के उत्साह से चिह्नित किया जाता है, जिसमें लोग राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, राष्ट्रगान गाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।




आइये जानते है 26 जनवरी का इतिहास

कहने को तो हमारा देश 15अगस्त 1947 को आजाद हो गया था पर एक बड़ी समस्या थी की हमारे पास कोई नियम कानून नहीं था की देश कैसे चलेगा न कोई संविधान 1947 में हमें अंग्रेजो से आजादी मिल गयी पर फिर भी फ्रांसीसियों और पुर्तगालियों का कब्ज़ा था , पुर्तगाली गोवा को 1961 में आजाद करके गए जिस समय Second World War चल रहा था तो जर्मनी ने इंग्लैंड को बहुत बुरी तरह से परास्त किया था लगातार हमले और बमबारी से हालत ख़राब थी उस समय वह Conservative Party की सरकार थी और विपछ में लेबर पार्टी थी तो विपछ लीडर Clement Attlee ने कहा की यदि हमारी सरकार बानी तो हम भारत को आजाद कर देंगे इस बात पर भारतीयों ने भी इंग्लैंड का समर्थन किया। एटली ने सरकार बनने के बाद 1946 में अपने तीन कैबिनेट मंत्रियों को भारत भेजा जिसे कैबिनेट मिशन कहा जाता है। इसमें क्रिप्स , अलेक्जेंडर ,और पैथिक लारेन्स थे , जिनमे लारेन्स लीडर थे।


इस कैबिनेट ने भारतीयों को सरकार का गठन करके पहले पांच साल तक सरकार चलाना सीखने को कहा जिससे 1947 से 1952 तक की सरकार को अंतरिम सरकार कहा जाता है। साथ उस कमिटी ने यह भी कहा की आप अपना खुद का संविधान बना कर लागू कर लीजिये तब हम जायेंगे। संविधान बनाने के लिए अप्रत्यक्ष चुनाव हुआ तथा सेंट्रल हॉल में बैठ कर लिखा गया। 1946 में संविधान सदस्यों की संख्या 389 थी , पर देश के बंटवारे के बाद यह संख्या 299 हो गयी तथा अंत में 1950 में फाइनल हस्ताक्षर के लिए केवल 284 सदस्य बचे जिनमे 15 महिलाएं थी तथा कुछ का देहांत हो गया था । हमारे संविधान के निर्माण में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे और 26 नवम्बर 1949 को बनकर तैयार हो गया इसीलिए इस दिन को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अब सवाल ये है की जब हमारा संविधान 26 नवम्बर 1949 को तैयार हो गया तो उसे 26 जनवरी 1950 को क्यों लागू किया गया ?



दरअसल दिसंबर 1929 में लाहौर अधिवेसन में नेहरू ने पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की थी और आगामी नव वर्ष के जनवरी के आखिरी रविवार यानि 26 जनवरी 1930 को स्वाधीन होने की घोषणा की। इसी के साथ हर साल 26 जनवरी को ही स्वाधीनता दिवस मनाया जाता था। इसीलिए संविधान बनने के बाद उसे 2 महीने लेट यानि 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।


प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस पर अलग अलग देशों से विदेशी मेहमान लीडर आमंत्रित किये जाते है तथा उन्हें गॉड ऑफ़ होनेर से सम्मानित किया जाता है। इस वर्ष मुख्य अतिथि के रूप में इजिप्ट के राष्ट्रपति अब्देल फ़तेह अल सीसी आ रहे है। इस दिन वीर पुरस्कार के उम्मीदवारों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है जिनमे वीर चक्र,महावीर चक्र,परमवीर चक्र,कीर्ति चक्र,तथा अशोक चक्र से सम्मानित किया जाता है।



कुल मिलाकर गणतंत्र दिवस भारत के अतीत, वर्तमान और भविष्य का उत्सव मनाने का दिन है। यह हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और कड़ी मेहनत की याद दिलाता है, जिन्होंने हमें भारत का संविधान दिया। यह सभी के लिए एक मजबूत, समृद्ध और समावेशी भारत बनाने की हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने का भी दिन है।


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