बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: कल मिलेगा यूपी को छठा एक्सप्रेसवे

 


कल यानी 16 जुलाई को उत्तर प्रदेश को छठा एक्सप्रेसवे मिलने जा रहा है। कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के जालौन जिले के कैथिरी में कैथेरी गांव में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का  उद्घाटन करेंगे।कल से उत्तर प्रदेश में छह एक्स्प्रेस पर यातायात के लिए संचालित हो जाएंगे और 7 पर अभी कार्य शुरू हुआ है जिसके बाद यूपी  13 एक्सप्रेसवे वाला देश का पहला राज्य बन चुका है।बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी 2020 को चित्रकूट के भरतकूप में किया था। यह एक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे है जो चित्रकूट के भरतकूप से आरंभ होकर इटावा जिले के कुदरेल गांव के पास आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे में मिलेगा।

यह एक्सप्रेसवे 296 किलोमीटर लंबा है तथा इसकी लागत 14849 करोड रुपए है। इस एक्सप्रेस वे में चार रेल ब्रिज ,14 बड़े ब्रिज, 266 छोटे पुल ,अट्ठारह फ्लाईओवर, 6 टोल प्लाजा , सात रैम्प प्लाजा है। पूरे एक्सप्रेसवे पर कुल 13 इंटरचेंज प्वाइंट्स बने हैं।यह एक्सप्रेसवे चित्रकूट मेंNh-35 पर शुरू  होगा जो कि झांसी को प्रयागराज से जोड़ता है तथा इटावा के कुदरेल गांव के पास में आगरा लखनऊ एक्सप्रेस वे पर खत्म होगा।यह एक्सप्रेसवे यूपी के 7 जिलों  जो कि चित्रकूट बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन औरैया और इटावा से गुजर रहा है।यह एक्सप्रेसवे बागेन   केन ,श्यामा ,चंदावल, बिरमा ,यमुना और बेतवा व सेंगर नदियों के ऊपर से गुजर रहा है।



 इसे यमुना एक्सप्रेस-वे , पूर्वांचल एक्सप्रेस से भी जोड़ा जा रहा है। वह बाद में इसे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे प्रयागराज एक्सप्रेस से भी जोड़ा जाएगा।एक्सप्रेस-वे के किनारे प्रत्येक किलोमीटर में लगभग 2000 पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें पीपल बरगद और अशोक आदि  के होंगे। इसके अलावा बीच में डिवाइडर में 666 फूलदार पौधे प्रत्येक किलोमीटर पर लगाए जाएंगे, जिनकी ऊंचाई 4 से 5 फीट होगी ताकि एक लाइन के वाहनों का प्रकाश दूसरी लेन में ना पहुंचे व  दुर्घटनाएं ना हो।पूरे एक्सप्रेस वे पर 500 मीटर पर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है जिसमें बारिश का पानी किनारे बनी पक्की नालियों से होकर टैंक में जाएगा, जिसे रिवर्स बोरिंग के जरिए भूगर्भ में पहुंचाया जाएगा।

इस एक्सप्रेस वे की टोटल लंबाई 296 किलोमीटर के मध्य में ही 2 नये  मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं, जिन पर भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है। वह पीपीपी मॉडल पर कार्य करेंगे।इसके अलावा बांदा और जालौन जिले में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का काम शुरू हो चुका है। व इस एक्सप्रेस-वे से डिफेंस कॉरिडोर को भी बढ़ावा मिलेगा और उसमें भी सुविधा आएगी जिससे युवाओं को रोजगार मिलेगा।

इस एक्सप्रेस वे की सबसे बड़ी खास बात यह है कि आज 36 महीने की बजाय 28 महीनों में ही तैयार हुआ, जिससे ग्यारह सौ करोड़ से अधिक की बजट की बचत हुई। इसमें 12.27% कम लागत लगी। इसके साथ ही इसे कोरोना काल  जैसी महामारी के बावजूद  कम समय सीमा में ही पूर्व तय कर लिया गया।

एक प्राइवेट न्यूज़ चैनल में  दिए गए इंटरव्यू में यूपीडा के चीफ सेक्रेटरी श्री अवनीश अवस्थी जी ने बताया कि यह अभी चार लेन का बना है पर इसका स्ट्रक्चर छह लेन के चौड़ीकरण के लिए बनाया गया है।



कल से उत्तर प्रदेश में कुल छह एक्सप्रेसवे संचालित हो जाएंगे जिनमें 

1. - यमुना एक्सप्रेस वे 165 किलोमीटर 

2.- noida-greater नोएडा एक्सप्रेसवे 25 किलोमीटर 

3.- आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे 302 किलोमीटर 

4.- दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे 96 किलोमीटर 

5.- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे 341 किलोमीटर 

6.- बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे 296 किलोमीटर होगा।

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में निर्माणाधीन कुछ एक्सप्रेसवे हैं जैसे

 1.- गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे 91 किमी 

2.- गंगा एक्सप्रेसवे 594 किमी 

3.- लखनऊ कानपुर एक्सप्रेसवे 63 किमी

 4. - गाजियाबाद कानपुर एक्सप्रेसवे 380 किमी 

5. - गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे 519 किमी 

6. - दिल्ली - सहारनपुर - देहरादून एक्सप्रेसवे 210 किमी और साथ ही 

7. - गाजीपुर - बलिया - मांझी घाट एक्सप्रेसवे 117 किमी है।

सोर्स-यूपीडा आधिकारिक यूट्यूब चैनल- https://youtu.be/dANEfHduNuw

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