गणतंत्र दिवस

 भारतीय गणतंत्र दिवस का इतिहास

     26 जनवरी हर भारतवासी का त्यौहार जिसका इंतजार सभी को रहता है, सुुुबह उठते ही परेेेड व ध्वजारोहण की तैयारी, बच्चों को 

गीत-संगीत प्रस्तुत करने की उत्सुकता सबको व्यस्त बना देती है।स्कूल कालेज, दफ्तर, फैक्ट्री, थाना, अस्पताल हर जगह तिरंगा झंडा फहराया जाता है, राष्ट्रगान गाया जाता है, लड्डू मिठाइयाँ बाँटी जाती हैं, स्कूलों में बच्चे गीत गाते हैं, नृत्य करते हैं ,झाँकी निकाली जाती है। चारों तरफ हर्ष उल्लास रहता है। पर क्या आप को इस दिन का इतिहास मालूम है अगर नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं।


आज ही के दिन यानी 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में संविधान लागू किया गया।वैसे तो हमारा देश अंग्रेजों से15 अगस्त 1947 में ही आजाद हो गया था पर असल आजादी आज के दिन सन् 1950 में संविधान लागू होने के साथ मिली।इसी लिए आज के दिन को गणतंत्र दिवस भी कहते हैं।गणतंत्र का अर्थ है जहाँ लोगों का निर्णय सर्वोपरि हो।


आज के दिन 1950 मे डा.भीमराव अंबेडकर जी द्वारा बनाए गए संविधान को लागू किया गया जिसे भारत सरकार अधिनियम एक्ट 1935 को हटाकर लागू किया गया। संविधान को लागू करने के लिए आज का दिन इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1930 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज घोषित किया था।भारत के आजाद होने के बाद संविधान सभा की घोषणा हुई और इसने अपना कार्य 9 दिसंबर 1947 से आरंभ कर दिया। संविधान सभा ने 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन में भारतीय संविधान का निर्माण किया।संविधान के अध्यक्ष ने डा. राजेंद्र प्रसाद को 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान सुपुर्द किया।इसीलिए 26 नवंबर को संविधान दिवस भी मनाया जाता है। कई सुधार और बदलाव के बाद सभा के 308 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों पर हस्ताक्षर किए।इसके दो दिन बाद यानी 26 जनवरी1950 को पूरे देश में संविधान लागू हो गया।



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